5 सितंबर को असली शिक्षक दिन मैं नहीं मानती मैं नहीं जानती ज्योतिबा फुले सावित्रीबाई फुले इनके कर्मों से मैं स्कूल जाने लगी यह वही लोग है जिन्होंने 1 जनवरी 1848 को लड़कियों के लिए स्कूल की शुरुआत की वो सावित्री माई ही थी जिस पर लोगों ने गोबर फेंक मारा गया लेकिन वह अपने प्रण से न घबरा गई बल्कि हमारे लिए पढ़ाने का काम करती रही इसलिए इनके जन्मदिन को असली शिक्षक दिन मानती हुं मैं यही जानती हूं बिना किसी भेदभाव के जिन्होंने हमें पढ़ना सिखाया इसलिए इनके जन्मदिन को शिक्षक दिन मानती हुं यही जानती हुं
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Pradnya Meshram
प्रा. प्रज्ञा मेश्राम
(M.A. Sociology, M.Ed., PG Diploma in Women’s Studies)
राधिका बी .एड कॉलेज नागपूर येथे कार्यरत अनेक सामाजिक – शिक्षण चळवळी व आंदोलनात सक्रिय सहभाग. स्त्रीवादी विचारधारा.
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